अंजनी माता हनुमान जी की माता है | ऐसा कहा जाता है की यदि आप हनुमान जी के साथ साथ अंजनी माता की भी आराधना करते हैं तो आपको हनुमान की विशेष कृपा तथा सानिध्य प्राप्त होता है, और आप अपार धन, सम्पदा, शौर्य के धारक बनते हैं | हनुमान जी के सभी मंदिरों में अंजनी माता भी विराजमान होती हैं जो की हनुमान जी का अपनी माता के प्रति अनन्य प्रेम को दिखाता है |

हनुमान जी की माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था. हनुमान जी के जन्म देने से पहले माता अंजनी एक अप्सरा थीं.

आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार केसरी और अंजनी के 6 पुत्र बताएं गए हैं।

कौन थे हनुमान जी के पांच भाई

हनुमान जी राम जी के भक्त थे यह तो सभी जानते हैं और हनुमान जी ने अपना पूरा जीवन राम जी की सेवा में पूरी तरह से समर्पित किया था। इसके बारें में श्रीरामचरितमानस में भी बताया गया है। लेकिन हनुमान जी के भाईयों के बारे में और उनके परिवार के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। तो आज हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी के भाई कौन कौन थे और उनके परिवार में कितने सदस्य थे। आपको बता दें कि ब्रह्मांडपुराण नाम के एक ग्रंथ में हनुमान जी बारे में कुछ बातें बताई गई हैं जिसका उल्‍लेख दूसरी जगहों पर नहीं मिलता है। ब्रह्मांडपुराण के अनुसार अपने भाइयों में हनुमान जी को सबसे बड़े थे। इसके बाद उनके बाकि 5 भाई थे जिनका नाम मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान था। इन सभी के नामों के बारे में इस ग्रंथ में बताया गया है। पर क्या आप जानते हैं कि महाभारत काल में पांडु पुत्र व अति बलशाली भीम को भी हनुमान जी का ही भाई कहा गया है।

 

हनुमान जी का परिवार

आपको बता दें कि इस ग्रंथ में उनके परिवार के बारे में भी बताया गया है। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था और आपको यह भी बता दें कि उनके पिता वायु देव भी माने जाते हैं। यह तो आप जानते ही होंगे की हनुमान का जन्म एक वानर के रूप में हुआ था। हनुमान जी की माता का नाम अंजनी था जो एक अप्सरा थीं।

उनकी माता को एक श्राप मिला था जिसकी वजह से उन्होंने वानर के रूप में एक पुत्र को जन्म दिया था। लेकिन एक पुत्र को जन्म देने के बाद वह इस श्राप से मुक्त हो गई थी। आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार केसरी और अंजनी के 6 पुत्र बताएं गए हैं।

हनुमान जी की तरह ही उनकी माता अंजनी को भी नटखटपन और चंचलता के कारण ऋषि द्वारा श्राप मिला था, जिस कारण वह देवलोक की अप्सरा पुंजिकास्थली से वानरी बन गईं

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पूनरासर अंजनी माता का मंदिर गांव के बाहर 1 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है मंदिर के आगे पक्की रोड भी बनी हुई है मंदिर के ठीक सामने  प्रसाद की दुकानें भी है और मंदिर में जाने से पहले लेफ्ट साइड में पानी के नल लगे हुए हैं मंदिर में एंटर करने से पहले यहां पर हाथ पानी से धोते हैं फिर मंदिर में प्रवेश करते हैं  मंदिर में इंटर करते हैं तो लेफ्ट साइड में  मंदिर का नक्शा चित्र के रूप में लकड़ी का बना हुआ है अंदर की साइड दोनों तरफ ग्राउंड है ग्राउंड में दूब लगी हुई है फर्स्ट स्टेप सीढ़ियां चढ़ने के बाद पानी का फुहारा है उसके बाद सेकण्ड स्टेप सीढ़ियो क्लियर करते ही मंदिर का परिसर आ जाता है मंदिर के चारों ओर हरियाली से भरा ग्राउंड ,मंदिर का आंगन जमीन से काफी ऊपर है स्थानीय लोगों का मानना है ये मंदिर रोड से यह 20 फीट ऊंचाई पर है

मंदिर के अन्दर कौन कौन सी देवी देवता की मूर्ति और फोटो लगी हुई है आप इन फोटो के माध्यम से दर्शन कर सकते है

मंदिर के बाहर की फोटो

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